एक माँ हैं सब से जरुरी बाकि रहे
जाये चाहे सारी खुशियां अधूरी
मां तो जन्नत का फूल है,
प्यार करना उसका उसूल है.
मां एक ऐसा शब्द है, जिसे सिर्फ बोलने से ही
अपने हृदय में प्यार और खुशी की लहर आ जाती है,
और ऐसे पावन दिवस पर हर मां को मेरा प्रणाम..
जिस के होने से मैं खुद को मुक्कमल मानती हूँ…
मेरे रब के बाद.. मैं बस मेरी माँ को जानती हूँ!
मेरे रब के बाद.. मैं बस मेरी माँ को जानती हूँ!